- सिढीयो की शुरूआत त्रिकोणीय आकार में नहीं होनी चाहिए।
- मकान की सीढ़ियां पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर जाने वाली होनी चाहिए।
- सीढीयो के दोनों और रेलिंग बनी होनी चाहिए।
- जब सीडीया पहली मंजिल की ओर निकलती हो तो हमारा मुख उत्तर-पश्चिम यह दक्षिण पूर्व में होना चाहिए।
- घर की सीढ़ियों के आरंभिक एवं अंतर द्वार अवश्य बनाना चाहिए।
- घर की सीढ़ियों का द्वार पूर्व अथवा दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
- घर की सीढ़ियों के लिए भवन के पश्चिम, दक्षिण या नैऋत्य का क्षेत्र सर्वाधिक उपयुक्त होता है।
- घर के आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण पूर्व में सीढ़िया बनवाने से संतान के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- सीढ़िया कभी भी उत्तरी या पूर्वी दीवार से जुड़ी हुई नहीं होनी चाहिए। उत्तरी या पूर्वी दीवार एवं सीड़ियों के बीच कम से कम 3 फूट की दूरी अवश्य होनी चाहिए।
- घर के उत्तर पूर्व या ईशान्य कोण में सीढ़िया बनवाने नहीं चाहिए। इस क्षेत्र में सीढ़िया बनवाने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। व्यवसाय में नुकसान होता है। तथा स्वस्थ की हानि भी होती है। और ग्रह स्वामी के दिवालिया होने की संभावना भी होती है।
घर बनाते समय सीढ़ियों के संबंधित कोई वास्तु दोष रह गया है तो उस स्थान पर बारिश का पानी मिट्टी के कलश में भरकर तथा मिट्टी के ढक्कन से ढककर जमीन के नीचे दबा दें। ऐसा करने से सीडीओ के संबंधी वास्तु दोषों का नाश होता है।
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