Wednesday, August 16, 2017

प्यार में डूबे कपल को देखकर कुछ ऐसा सोचने लग जाती हैं सिंगल लड़कियां


आज का हमारा यह आर्टिकल उन सिंगल लड़कियों के दिमाग की खिड़की है जिसके अंदर झांक कर आप अपने इन सवालों के जवाब आसानी से पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर सिंगल लड़कियां क्या सोचती हैं जब वो किसी कपल को अपने आस-पास बैठा देखती हैं।

 किसी कपल को रोमांस करते या साथ चलते देख सिंगल लड़कियों को सबसे पहले अपने अधूरेपन का अहसास होता है। ऐसे कपल्स को देखकर लड़कियां सोचती हैं कि वो अपनी जिंदगी में कितनी अधूरी हैं।

 पब्लिक प्लेस पर कपल्स को देखकर सिंगल लड़कियों को अपनी जिंदगी में प्यार की कमी का अहसास होता है। इतना ही नहीं ऐसे में लड़कियां सोचती हैं कि काश उनकी जिंदगी में भी कोई इतना चाहनेवाला होता...

कपल्स को साथ देखकर सिंगल लड़की के दिल में ख्याल आता है कि काश मेरे पास भी ऐसा एक बॉयफ्रेंड होता या फिर लड़कियां सोचती हैं कि इस लड़की को इतना हैंडसम बॉयफ्रेंड कैसे मिल गया, मैं तो इससे कही ज्यादा खूबसूरत हूं।

 जब भी कोई सिंगल लड़की किसी कपल को पब्लिक प्लेस पर किस करते देख लेती हैं तो उनके मन में ये ख्याल आता है कि कैसे कपल हैं ये जो कहीं भी शुरू हो जाते हैं। इन्हें रोमांस करने के लिए कोई और जगह नहीं मिली क्या।

 कुछ सिंगल लड़कियां ऐसी भी होती हैं जो सोचती हैं कि बॉयफ्रेंड बनाने से ज्यादा अच्छा है एक कुत्ता पाल लेना। खासकर कपल्स को देखकर कुछ सिंगल लड़कियां ये सोचती हैं कि लड़कों से ज्यादा वफादार तो कुत्ते होते हैं। इसलिए बॉयफ्रेंड की जगह एक कुत्ता ही पाल लेना बेहतर है।

आमतौर पर कपल्स को देखने के बाद सिंगल लड़कियों के दिल में जलन की भावना तेज हो जाती है। इस जलन के पीछे सिर्फ एक ही वजह होती हैं कि उनकी जिंदगी में मिस्टर परफेक्ट नहीं है। लेकिन जो लड़कियां पहले रिलेशनशिप में रह चुकी हैं उन्हें ऐसे कपल्स को देखकर ज्यादा जलन होती है।

जब भी कोई सिंगल लड़की कपल्स को प्यार भरी बातें करते हुए देखती हैं तो उनके मन में ये ख्याल भी आता है कि आज ये कपल्स एक-दूसरे से इतना प्यार जता रहे हैं कल यही झगड़ा करेंगे और एक-दूसरे से दूर जाने के बहाने ढूंढेंगे।

आमतौर पर सिंगल लड़कियां कपल्स को देखकर ये सब बातें सोचती हैं क्योंकि कहीं ना कहीं वो खुद को अकेला महसूस करती हैं और उनके इस अकेलेपन का अहसास तब और बढ जाता है जब वो कपल्स को साथ देखती हैं।
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Sunday, August 13, 2017

साइंस के अनुसार ये है शादी करने के लिए सही उम्र....

आजकल 30 साल की उम्र के बाद शादी करने का ट्रेंड बनता जा रहा है। लोग पहले करियर और घर-बार के बारे में सोचते हैं फिर सब कुछ सेटल हो जाने के बाद शादी के बारे में सोचते हैं। ऐसे में कभी-कभी उम्र 35 या 40 तक भी पहुंच जाती है। लोगों में ये धारणा बनती जा रही है कि शादी के लिए सही उम्र 30 साल के बाद है। लेकिन आज हम आपको बतायेंगे कि शादी की सही उम्र पर क्या कहता है साइंस


सही जीवन साथी चुनना बहुत मुश्किल काम है, और ये उस वक्त और मुश्किल हो जाता है जब उम्र ज्यादा हो जाए।  यूको विश्वविद्यालय में प्रोफेसर निकोलस एच. वोल्फिंगर द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग 20 से 30 वर्ष की आयु के बीच शादी कर लेते हैं, उनका तलाक होने की कम संभावनाएं होती हैं।
रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों कि शादी 20 के बाद और 30 से पहले हुई है उनके बीच तलाक के मामलों में कमी आई हैं। तलाक की संभावना तब बढ़ जाती है जब आप 30 से 40 के बीच में शादी करते हैं। वोल्फगेर लिखते हैं, “32 साल की उम्र में शादी होने पर शादी में प्रति वर्ष 5% तक तलाक की संभावना बढ़ जाती हैं।”


वोल्फगेर आगे लिखते हैं, “ऐसे लोग जो शादी के लिए 30 साल तक इंतजार करते हैं, वे लोग अक्सर अपने शादी के बंधन को ठीक से नही निभा पाते हैं।” हालांकि, इंस्टीट्यूट ऑफ फैमिली स्टडीज द्वारा प्रकाशित इस अध्ययन में ये भी बताता गया है कि 30 साल से अधिक उम्र में शादी करने वाले लोग 20 से 30 साल की उम्र में शादी करने वाले लोगों की तुलना में अधिक परिपक्व होते हैं और आम तौर पर आर्थिक दृष्टि से संपन्न होते हैं।

वोल्फिंगर कहते हैं, “जो लोग 30 के बाद शादी करते हैं, उन्हें अपनी पत्नी के साथ अपने विवाह को सफल बनाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते पड़ते हैं।” 30 से पहले शादी करने का फायदाे ये हैं कि जल्दी शादी होने से शादीशुदा जिंदगी को एंजॉय करने का काफी समय मिलता है और करियर संबंधी और फैमिली की जिम्मेदारी कम उठानी पड़ती है।
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Ladki Ko Propose Kaise Kare Janiye Hindi Me

Agar aap kisi ladki ko chahte ho dil se to bas yeh tham lo ki aap usse sabse pehle acchi friendship karle, Kyunki agar ladki ne propose ka reply naa me diya fir bhi aap uske sath reh sakte hai aur dobara uska dil jit kar usko propose kar sakte hai aur vo aap se baat bhi karti rahegi.
Ladke ya ladkiyon me propose karna bohot difficult lagta hai kyun ki aap darte hai ki samne wala bura man gaya to us ne aap ki baizatti ki to ya ladke ladkiyon ke samne kahi aapko chata na mar de.
Magar isne dar ne wali koi baat nahi hai, Agar ap kisi ladki ko chahte ho to ladki ko propose karne me dikkat nahi hai kyun ki aap dono ke sath rehkar ek dusre ka sath nibhane ke bareme hi sochte hai, aap koi galat kaam nahi kar rahe hai.


Ladkiyo Ko Patane Ke Formulas :

  • Ladki se baat karne ka dhunde bahana.
  • Ladki ke contact me rehne ki koshish kare.
  • ladki ko patane ke liye uske sath friendship karlo.
  • ladki ke sath acchi tarah se baat kare.
  • Sabhyata dikhaye.
  • Acche kapde pehne.
  • Soft Deo use kare jab ladki ko milne jaoge tab.
  • Ladki ke zaroorato ko jaane.
  • Ladki ka pasandida colour jaan kar vaise kapde pehne.
  • Ladki ko uske birthday ke din accha sa tofa de.

 Aap ladki ko chahte hai to kyun dara jaye ladki ko propose karne me.Aap usse kitna chahte uska ehsas ladki ko dilaye uske karan ladki emotional ho jayegi. Aur aap ko propose karne ke baad haa bhi kar degi aur aapka propose bhi accept kar legi.


 Kai ladke ladkiya sochte hai ki samne wala propose karega pehle tab hi bat hogi, Dosto aisa nahi hai har ladki ka sapna hota hai ki koi ladka uski taraf dekhe aur vo ladka khud us ladki ko propose karne aaye, agar ladki bhi aap par marti hai to vo thoda hichkichayegi ki kaise kare propose aapko. To aap khud ladki ke pas jakar ladki ko dil ki bat khud kare,Iske karan ap ka intzaar bhi khatam ho jayega vo apke pas ajayegi.


 Agar aap se ladki pat gayi hai  aur ladki ne apka propose accept kar liya hai to aap ladki ke sath date par jaoge to sexually jyada pas mat aao. Ladka aur ladki dono excite rehte hai kiss karne ke liye to aap ladki ko kiss kaise kare yeh pehle dhyan se seekh le. Aap dono ka first kiss ek romanch kari hona chahiye. Kiss karne se ladki apke sath dil se jyada connect ho jati hai............
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किचन का वास्तु शास्त्र टिप्स

  • खाना पकाते समय मुंह पूर्व की ओर होना चाहिए।
  • रसोईघर को पूजा घर, शौचालय अथवा शयन कक्ष के नीचे ऊपर नहीं बनाना चाहिए। रसोईघर मुख्य भवन अथवा फ्लॅट के दक्षिण पूर्व कोने में होना चाहिए।
  • रसोई घर में जो पकाए सबसे पहले उसे अग्नि को समर्पित करें इससे घर में शांति और संपन्नता बनी रहती है।
  • यदि रसोई घर में फ्रिज हो तो उसे दक्षिण पूर्व, दक्षिण, पश्चिम अथवा उत्तर दिशा में रखना। कोने से 1 फुट दूर रखना वरना यह हमेशा खराब रहेगा।
  • रसोई घर के दीवारों और फर्श का रंग पीला, नारंगी, गुलाबी अथवा लाल होना चाहिए। जहां तक संभव हो काला नहीं होना चाहिए।
  • रसोई घर में हल का सामान पूर्व अवस्था उत्तर में रखा जा सकता है।
  • गैस बर्नर रसोई घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए।
  • रसोई घर का मुख्य चबूतरा पूर्व और दक्षिण पूर्व में होना चाहिए।
  • रसोईघर में रखी भोजन-मेज उत्तर-पश्चिम या पश्चिम की ओर होना चाहिए।
  • स्टोव्ह अथवा गैस बर्नर दक्षिण पूर्व कोने में दीवार से कुछ इंच दूर रखिए।
  • रसोई घर के चबूतरे के निकट एल आकार का एक चबूतरा दक्षिण दिवार के निकट माइक्रोवेव, ओवन, मिक्सर ग्राइंडर आधी रखने के लिए बहुत उपयोगी होता है।
  • जहां तक संभव हो सिंक चबूतरे के उत्तर पूर्व में होनी चाहिए जलपात्र और बरतन आदि उत्तर पूर्व की ओर होना चाहिए।
  • रसोईघर की पूर्व और पश्चिम दिशा में हवा के लिए एक या दो खिड़की अथवा वायु छिद्र होनी चाहिए वायु छिद्र में एग्जास्ट फैन लगाना चाहिए।
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घर में सुख शांति बनाने के कुछ कुछ घरेलु टोटके

  •  
  • घर में शांति चाहिए तो आपको शाम के समय नहीं सोना चाहिए। रात में सोने से पहले अपने इष्ट देव का स्मरण जरुर करें।
  • घर के मध्य भाग में जूठे बर्तन साफ करने का स्थान नहीं बनाना चाहिए।
  • रोज सुबह नहा धोकर एक तांबे के बर्तन में ताजा जल उसमें तुलसी के पत्ते डालकर भगवान विष्णु की मूर्ति के पास रखें और घर में सुख शांति के लिए मंत्र  ११ बार ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’  घर में सुख शांति के लिए मंत्र का जाप करें फिर वह जल पूरे परिवार को पीने के लिए दे।
  • घर मे  कभी झाड़ू को खड़ा करके ना रखें और उसे पैर ना लगाए। नाहीं झाड़ू के ऊपर से गुजर अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है।
  • घर में बरकत चाहिए तो हमेशा सुबह की पहली रोटी गाय को खिलाएं।
  • मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखे।
  • घर के मुख्य द्वार पर दाई तरफ स्वस्तिक बनाए।
  • घर में कभी भी मकड़ी के जाले में लगने ना दे वरना घर में राहु का असर होगा।
  • घर में जूते चप्पल इधर-उधर बिखेरकर या उलटे सीधे करके नहीं रखने चाहिए इसके घर में अशांति उत्पन्न होती है।
  • बिस्तर पर बैठकर कभी खाना ना खाए ऐसा करने से बुरे सपने आते हैं।
  • घर में बरकत चाहिए तो सुबह जल्दी उठकर पूजा पाठ करें।
  • रोज सुबह अपने घर के मटके में जिसका आप पानी पीते हैं या उसमें पानी रखते हैं उसमें गंगाजल की कुछ बूंदे डाले।
  • घर में पूजा के स्थान पर एक अखंड ज्योत लगाएं और उसे बिल्कुल भी न बुझने दे और समय-समय पर ही तथा बाती डालते रहे।
  • रोज अपने मस्तक पर केसर चंदन का तिलक लगाकर ही घर से बाहर निकले।
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कैसे पाए वास्तुदोष से छुटकारा हिंदी में जानिए



  • दरवाजा खोलते तथा बंद करते समय सावधानी बरती की कर्कश आवाज ना हो। इससे घर में कलह होता है। इससे बचने के लिए दरवाजे पर स्टॉप पर लगाएं।
  • रोटी बनाते समय पहली रोटी अग्निदेव को अर्पित करें या गाय को खिलाएं धनागमन के स्त्रोत बढ़ेंगे।
  • कहीं जाने के लिए घर से रात्रि या दिन के ठीक 12:00 बजे ना निकले।
  • भोजन यथासंभव अग्नि कोण में पूर्व की ओर मुंह कर पकाना और पूर्व की ओर मुंह करके खाना चाहिए।
  • पूजाघर पूर्वोत्तर में होना चाहिए तथा पूजा यथासंभव सुबह 6:00 से 8:00 के बीच भूमि पर ऊनी आसन पर पूर्वोत्तर की ओर मुंह कर बैठक कर ही करनी चाहिए।
  • ईशान कोण में सदैव जल का एक कलश भरकर रखना चाहिए इससे घर में संपन्नता आती है मकान के पूर्वोत्तर कोने को हमेशा खाली रखना चाहिए।
  • घर में कहीं भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। उसे पैर नहीं लगाना चाहिए, ना ही लांघा जाना चाहिए।  अन्यथा घर में बरकत और धन आगमन के स्त्रोतों में वृद्धि नहीं होती।
  • घर में दरवाजे अपने आप खुलने व बंद होने वाले नहीं होनी चाहिए ऐसे दरवाजे अज्ञात भय पैदा करते हैं।
  • खिड़कियां खोल कर रखें ताकि घर में रोशनी आती रहे।
  • किसी महत्वपूर्ण काम के लिए दही खाकर या मछली का दर्शन कर घर से निकले।
  • घर के चारों ओर गंगा जल छिड़के। इससे घर पवित्र होता है।
  • घर में मकड़ी का जाल नहीं लगने दे अन्यथा धन की हानि होती है।
  • घर में या घर के बाहर नाली में पानी जमा नहीं रहने दे।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढियां की बनावट - जानिए हिंदी में

  • सिढीयो की शुरूआत त्रिकोणीय आकार में नहीं होनी चाहिए।
  • मकान की सीढ़ियां पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर जाने वाली होनी चाहिए।
  • सीढीयो के दोनों और रेलिंग बनी होनी चाहिए।
  • जब सीडीया पहली मंजिल की ओर निकलती हो तो हमारा मुख उत्तर-पश्चिम यह दक्षिण पूर्व में होना चाहिए।
  • घर की सीढ़ियों के आरंभिक एवं अंतर द्वार अवश्य बनाना चाहिए।
  • घर की सीढ़ियों का द्वार पूर्व अथवा दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
  • घर की सीढ़ियों के लिए भवन के पश्चिम, दक्षिण या नैऋत्य का क्षेत्र सर्वाधिक उपयुक्त होता है।
  • घर के आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण पूर्व में सीढ़िया बनवाने से संतान के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • सीढ़िया कभी भी उत्तरी या पूर्वी दीवार से जुड़ी हुई नहीं होनी चाहिए। उत्तरी या पूर्वी दीवार एवं सीड़ियों के बीच कम से कम 3 फूट की दूरी अवश्य होनी चाहिए।
  • घर के उत्तर पूर्व या ईशान्य कोण में सीढ़िया बनवाने नहीं चाहिए। इस क्षेत्र में सीढ़िया बनवाने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। व्यवसाय में नुकसान होता है। तथा स्वस्थ की हानि भी होती है। और ग्रह स्वामी के दिवालिया होने की संभावना भी होती है।
अगर घर बनाते समय आप वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़िया नहीं बनाते हो और आपको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो तो नीचे दिया गया उपाय करें-
घर बनाते समय सीढ़ियों के संबंधित कोई वास्तु दोष रह गया है तो उस स्थान पर बारिश का पानी मिट्टी के कलश में भरकर तथा मिट्टी के ढक्कन से ढककर जमीन के नीचे दबा दें। ऐसा करने से सीडीओ के संबंधी वास्तु दोषों का नाश होता है।
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