वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद सोना, चांदी, हीरे महंगे
हो जायेंगे. इसके अलावा आपको ज्वेलरी कैश में लेना या देना होगा तो भी कई
नियमों का पालन करना पड़ेगा. अब ये बदले हुए नियम क्या होंगे आइये हम आपको
बताते हैं.
जीएसटी के बाद आप ज्वेलरी बेचेंगे तो आपको पेमेंट चेक से होगा न कि कैश
जीएसटी लागू होने के बाद पुरानी ज्वेलरी पर भी देना होगा टैक्स
लेबर चार्ज पर भी देना होगा टैक्स
इसके अलावा जीएसटी लागू होने के बाद ग्राहक दुकानदार को 10 हजार रूपए से ज्यादा कैश नहीं दे सकते हैं. इसके ऊपर का सोना अगर आप खरीदते हैं तो आपको चेक से पेमेंट करना होगा.
इसका मतलब ये कि अगर आप 11 हजार रूपए की ज्वेलरी भी खरीदेंगे तो आपको पूरा पेमेंट चेक से देना होगा. जीएसटी लागू होने से पहले अगर आप अपनी ज्वेलरी बेचते हैं तो आपको उससे हुई इनकम की जानकारी अपने आईटीआर में देनी होगी.
अगर आप 10 हजार से ऊपर की ज्वेलरी बेचेंगे तो दुकानदार आपको चेक से पेमेंट करेगा. ऐसे में आपके आधार कार्ड की जानकारी आईटी डिपार्टमेंट को हो जाएगी. जानकारी इसलिए होगी क्योंकि आपके अकाउंट को आपके आधार कार्ड से जोड़ना भविष्य में जरूरी हो जायेगा. इसका मतलब ये कि आपक भविष्य के सभी गोल्ड ट्रांजेक्शन अपने आप ऑन रिकॉर्ड हो जायेंगे. अभी ये नियम है कि आप 2 लाख से ऊपर की ज्वेलरी खरीदेंगे तो आपको पैन कार्ड देना होगा.
अगर आप दूकान जाते हैं और आपने अपनी पुराणी ज्वेलरी बेचीं और उसके बदले में नयी ज्वेलरी ली तो आपको दो बार टैक्स दें होगा. एक बार तब जब आप बेचेंगे और दूसरी बार तब खरीदेंगे.
इसके अलावा अगर आप अपनी पुराणी ज्वेलरी बेचते भी हैं तो आपको टैक्स देना पड़ेगा. ये टैक्स तीन फीसदी होगा. इसे रिवर्स चार्ज कहा जायेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आप एक अनरजिस्टरड डीलर हैं.
इसके अलावा अगर आप अपनी पुरानी ज्वेलरी का वजन बढ़वाते हैं तो भी आपको इसके लिए टैक्स देना पड़ेगा. इसके अलावा अगर आप ज्वेलरी खरीदते हैं तो आपको तीन फीसदी टैक्स देना पड़ेगा जीएसटी लागू होने के बाद.
जीएसटी के बाद आप ज्वेलरी बेचेंगे तो आपको पेमेंट चेक से होगा न कि कैश
जीएसटी लागू होने के बाद पुरानी ज्वेलरी पर भी देना होगा टैक्स
लेबर चार्ज पर भी देना होगा टैक्स
इसके अलावा जीएसटी लागू होने के बाद ग्राहक दुकानदार को 10 हजार रूपए से ज्यादा कैश नहीं दे सकते हैं. इसके ऊपर का सोना अगर आप खरीदते हैं तो आपको चेक से पेमेंट करना होगा.
इसका मतलब ये कि अगर आप 11 हजार रूपए की ज्वेलरी भी खरीदेंगे तो आपको पूरा पेमेंट चेक से देना होगा. जीएसटी लागू होने से पहले अगर आप अपनी ज्वेलरी बेचते हैं तो आपको उससे हुई इनकम की जानकारी अपने आईटीआर में देनी होगी.
अगर आप 10 हजार से ऊपर की ज्वेलरी बेचेंगे तो दुकानदार आपको चेक से पेमेंट करेगा. ऐसे में आपके आधार कार्ड की जानकारी आईटी डिपार्टमेंट को हो जाएगी. जानकारी इसलिए होगी क्योंकि आपके अकाउंट को आपके आधार कार्ड से जोड़ना भविष्य में जरूरी हो जायेगा. इसका मतलब ये कि आपक भविष्य के सभी गोल्ड ट्रांजेक्शन अपने आप ऑन रिकॉर्ड हो जायेंगे. अभी ये नियम है कि आप 2 लाख से ऊपर की ज्वेलरी खरीदेंगे तो आपको पैन कार्ड देना होगा.
अगर आप दूकान जाते हैं और आपने अपनी पुराणी ज्वेलरी बेचीं और उसके बदले में नयी ज्वेलरी ली तो आपको दो बार टैक्स दें होगा. एक बार तब जब आप बेचेंगे और दूसरी बार तब खरीदेंगे.
इसके अलावा अगर आप अपनी पुराणी ज्वेलरी बेचते भी हैं तो आपको टैक्स देना पड़ेगा. ये टैक्स तीन फीसदी होगा. इसे रिवर्स चार्ज कहा जायेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आप एक अनरजिस्टरड डीलर हैं.
इसके अलावा अगर आप अपनी पुरानी ज्वेलरी का वजन बढ़वाते हैं तो भी आपको इसके लिए टैक्स देना पड़ेगा. इसके अलावा अगर आप ज्वेलरी खरीदते हैं तो आपको तीन फीसदी टैक्स देना पड़ेगा जीएसटी लागू होने के बाद.
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